Monday, May 31, 2010

खता इतनी सी मेरी

मै तुमको प्यार करता हू
मेरी आँखों मे पढ़ लेना
कभी भी सामने आकर
इसे महसूस कर लेना
कटा इतनी सी मेरी है
इतना कसूर हो गया
वक्त की ठोकर से
मै दूर हो गया
मै तुमको याद करता हू
इसे स्वीकार कर लेना

1 comment:

  1. bahut khoob kaha ji..
    swikar ker lena..agar wo swikar le to jivan kitna sunder lagne lage..phir koi sikayat hi na rahe,,,
    likhte rahiye sir ji..

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