Wednesday, August 25, 2010

राखी मंगल माय हो

राखी का त्यौहार किरण नूतन फूटे

बहनों का सिदुर न कोई आतंकी लुटे

हो दहेज़ की मांग न रिश्ता कोई टूटे

मिल जाये भाई बहन अगर हो रूठे

हर आगन में गूजे बिटिया की किलकारी

महक उठे उपवन जैसी बहनों की क्यारी

कंधो पर डोली भाई के ,बहनों के अरमान खिले

नारी के हर रूप को सदा उचित सम्मान मिले

दुनिया के हर भाई बहन की राखी मंगल मय हो

राखी बांधे बहन भाई जो उनकी सदा विजय हो:

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